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Tuesday, December 18, 2012

केला Banana

कच्चा केला मीठा, ठण्डी तासीर का, भारी, स्निग्ध, कफकारक, पित्त, रक्त विकार, जलन, घाव व वायु को नष्ट करता है। पका हुआ केला स्वादिष्ट, शीतल, मधुर, वीर्यवर्ध्दक, पौष्टिक, मांस की वृध्दि करने वाला, रुचिकारक तथा भूख, प्यास, नेत्ररोग और प्रमेह का नाश करने वाला होता है।

* केला नेचरल फूड है। इसमें एनर्जी बहुत ज्यादा होती है, इसलिए आप अपनी डाइट में केला जरूर शामिल करें। अगर आपको लगता है कि आपके ब्रेकफास्ट में पौष्टिक चीजें शामिल नहीं हैं, तो आप ब्रेकफास्ट में केला लें। यह विटामिन व मिनरल्स की कमी पूरी करेगा।
* जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या होती है,
उन्हें केले का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
* केले का शेक पेट को ठंडक पहुँचाता है। यह ब्लड में शुगर के लेवल को भी नियंत्रित करता है।
* केले में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। यह पाचन क्रिया में मदद करता है।
* अल्सर के मरीजों के लिए केले का सेवन फायदेमंद है।
* केले में आयरन भरपूर मात्रा में होता है। इससे खून में हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है। इसलिए एनिमिया से          पीडित रोगियों को केला जरूर खाना चाहिए।
* केला तनाव को कम करने में भी मदद करता है। केले में ट्राइप्टोफान नामक एमिनो एसिड होता है, जो मूड को रिलैक्स करता है।

केले में मुख्यतः विटामिन-ए, विटामिन-सी,थायमिन, राइबो-फ्लेविन, नियासिन तथा अन्य खनिज तत्व होते है. इसमें जल का अंश 64.3 प्रतिशत ,प्रोटीन 1.3 प्रतिशत, कार्बोहाईड्रेट 24.7 प्रतिशत तथा चिकनाई 8.3 प्रतिशत

* शक्तिवर्धक :- एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच घी, पिसी हुई इलाइची व शहद मिला कर केले खाने के साथ पीने से शरीर सुन्दर और बलशाली होता है, बल, वीर्य, शुक्राणु ,काम-शक्ति और मष्तिस्क शक्ति बढ़ती है . दही में केला और पीसी हुई मिश्री मिलकर खाने से भी मोटापा बढ़ता है.
* बलवृद्धि के लिए व्यायाम तथा खेलकूद के बाद केले खाना चाहिए. केले में कार्बोहाईड्रेट पर्याप्त मात्र में होता है जो सरलता से पच जाता है , छोटे बच्चे को आसानी से दिया जा सकता है. यह बच्चों के लिए उतम आहार है. इसे मसलकर दूध में मिलकर खिलाने से अधिक फायदा होता है. यह खून में वृद्धि करके शरीर की ताकत बढाता है. नित्य केला का सेवन अगर दूध के साथ किया जाय तो कुछ ही दिनों में स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव देखा जा सकता है.
* कच्चे केले की सब्जी बहुत ताकतवर और पौष्टिक होती है मगर कच्चा केला आप ऐसे ही कभी न खाएं उसे सब्जी के रूप में ही खाएं.केले को अगर दूध में मिक्स करके खाया जाये तो यह पूरे भोजन की ताकत दे देता है. फिर आप दिन भर भोजन न भी करें तो कमजोरी महसूस नहीं होगी. केला छोटे बच्चों के लिए उत्तम व पौष्टिक आहार है। इसे मसलकर या दूध में फेंटकर खिलाने से लाभ मिलता है।
* पेचिश रोग में थोड़े-से दही में केला मिलाकर सेवन से फायदा होता है।पेट में जलन होने पर दही में चीनी और पका केला मिलाकर खाएं । इससे पेट संबंधी अन्य रोग भी दूर होते हैं।

*खाँसी में - एक पके केले में आठ साबुत काली मिर्च भर दें, वापस छिलका लगाकर खुले स्थान पर रख दें। शौच जाने के पूर्व प्रातः काली मिर्च निकालकर खा जाएँ , फिर ऊपर से केला भी खा जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने से हर तरह की खाँसी ठीक हो जाती है।अगर किसी को काली खांसी हो गयी है तो केले के तने को सुखाकर फिर जला कर जो राख बचती है वह दो-तीन चुटकी लीजिये और शहद मिला कर चटा दीजिये . काली खांसी जड़ से ख़त्म हो जाएगी.
* जलने पर - आग से बदन का कोई हिस्सा जल गया हो तो वहाँ केले को मसल कर रख दीजिये और ऊपर से कपडे से बाँध दीजिये.जलन भी कम होगी और घाव भी ठीक होगा.
* बबासीर में - एक केले को बीच से चीरा लगाकर चना बराबर कपूर बीच में रख दे फिर इसे खाए इससे बबासीर एकदम ठीक हो जाती है
* माहवारी में - अगर महिलाओं को माहवारी के समय बहुत ज्यादा रक्तस्राव होता हो तो केले के फूलों का रस निकाल कर उसे दही मिला कर पी लें. इस दवा से पतले दस्त में भी बहुत फायदा होता है.


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